एक कण पर एक नियत परिमाण का बल, जो कि हमेशा कण के वेग के लम्बवत् रहता है, लगता है। कण की गति समतल में होती है। इसका अर्थ है कि
इसकी गति वृत्तीय है
त्वरण नियत है
गतिज ऊर्जा नियत है
(a) तथा (c) दोनो
एक पहिये का कोणीय वेग $70$ रेडियन/सैकण्ड है। यदि पहिये की त्रिज्या $0.5$ मीटर हो तो पहिये का रेखीय वेग ....... $m/sec$ है
$2 \pi r$ लम्बई के एक घर्षण रहित तार को वृत्त बनाकर ऊर्ध्वाधर समतल में रखा है। एक मणिका (bead) इस तार पर फिसलती है। वृत्त को एक ऊर्ध्वाधर अक्ष $AB$ के परितः चित्रानुसार कोणीय वेग $\omega$ से घुमाया जाता है, तो वृत्त के सापेक्ष मणिका चित्रानुसार बिन्दु $P$ पर स्थिर पायी जाती है। $\omega^{2}$ का मान होगा?
एक बेलनाकार पात्र आंशिक रूप से जल से भरा हुआ है। इसे इसकी ऊध्र्वाधर केन्द्रीय अक्ष के परित: घुमाया जाता है। जल की सतह
$m$ द्रव्यमान का एक गोलाकार पिण्ड $l$ लम्बाई की डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार मार्ग पर $v$ चाल से घुमाया जा रहा है। इसे पूर्ण क्षैतिज वृत्त में घुमाने हेतु किया गया कार्य होगा
एक कण $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान वेग से गति कर रहा है $P$ से $Q$ तक $(\angle POQ = 40^\circ )$ जाने में वेग में परिवर्तन होगा